जरूरी नहीं हर राही को मंजिलें मिले सफर में बस एक हमसफ़र मिले। जरूरी नहीं हर राही को मंजिलें मिले सफर में बस एक हमसफ़र मिले।
इन दिनों लाक डाउन के समय मैं अपनी हर सुबह एक नए तरीके से जीता हूं इन दिनों लाक डाउन के समय मैं अपनी हर सुबह एक नए तरीके से जीता हूं
लोग सपनों के महल बनाना नहीं छोड़ देते। लोग सपनों के महल बनाना नहीं छोड़ देते।
सहिष्णुता सहिष्णुता
है इंतज़ार इस दिल को तेरा बस बाँहों में तुम आ जाओ । मेरी नादानी की ख़ातिर ना छोड़ कर जाओ। है इंतज़ार इस दिल को तेरा बस बाँहों में तुम आ जाओ । मेरी नादानी की ख़ातिर ...
गढ़े मुर्दे उखाड़ना, ये समाज की पहचान है आज समाज, समाज नही, एक श्मशान है! गढ़े मुर्दे उखाड़ना, ये समाज की पहचान है आज समाज, समाज नही, एक श्मशान है!